राजपूत
>> एक परिचय <<
rajasthan se pehle rajputana tha |
राजपूतों की उत्पत्ति
राजपूत शब्द की सर्वप्रथम उत्पत्ति 6ठी शताब्दी ईस्वी में हुई थी. राजपूतों ने 6ठी शताब्दी ईस्वी से 12वीं सदी के बीच भारतीय इतिहास में एक प्रमुख स्थान प्राप्त किया था.
"राजपूत" शब्द की व्युत्पत्ति
'महाभारत', 'तैत्रेय ब्राह्मण' तथा कालिदास की 'रघुवंश' काव्यकृति मे इन शब्दों का प्रयोग समानार्थक रुप में हुआ है। डॉ० गौरीशंकर प्रसाद ओझा ने 'राजपुत्र' शब्द का उल्लेख कौटिल्य के अर्थशास्र, कालिदास के 'मालविकाग्निमित्र', अश्वघोष के 'सौंदरानंद' तथा बाणभ के 'हर्षचरित' एवं 'कादम्बरी' ग्रन्थों में विभिन्न अर्थों में किया जाना बतलाया है। कौटिल्य ने राजा के पुत्रों के लिए तथा कालिदास व अश्वघोष ने सामन्तों के पुत्रों के अर्थ में राजपुत्र शब्द का प्रयोग किया है। ह्मवेनसांग ने यात्रावर्णन में राजाओं को राजपुत्र के रुप में उल्लेख न कर उन्हें क्षत्रिय माना है। कल्हण की 'राजतरंगिनी' में राजपुत्र शब्द का प्रयोग भूस्वामियों के लिए किया गया है किन्तु उन्हें राजपूतों के ३६ वंशों से सम्बन्धित माना है। इससे यह तथ्य स्पष्ट होता है कि १२वीं शताब्दी के आरंभ में राजपुत्र या राजपूत वंश एक जाति के रुप में अस्तित्व में आ गया था। महाभारत काल तक राजपुत्र, राजन्य तथा क्षत्रिय समानार्थक शब्द थे किन्तु बाद में राजपुत्र तथा क्षत्रियों में विभेद किया जाने लगा।
प्राचीन क्षत्रियों की संतान
- डॉ गौरीशंकर हीराचन्द ओझा ( पुस्तक राजपूताने का प्राचीन इतिहास 1925 ईं॰ ) के अनुसार राजपूत प्राचीन वैदिक क्षत्रियों की संतान थे ।
- सी एम बैद्य ने भी ओझा का समर्थन करते हुए, राजपूतों को वैदिक क्षत्रियों की संतान कहा है
- नद्धहरण से प्राप्त एक शिलालेख के अनुसार महाकाव्य काल के राम व कृष्ण क्षत्रिय थे अत: राजपूत भी वैदिक, आर्यों की संतान है । मनुस्मृति में राजपूतों को ब्रह्मा की संतान बताया है ।
- ऋग्वेद के दसवें मण्डल के पुरूष सूक्त में राजपूतों को ब्रह्मा की भुजाओं से उत्पन्न बताया है ।
सूर्यवंशी व चंद्रवंशी
- श्री जगदीश सिंह गहलोत के अनुसार राजपूतों के राजवंश वैदिक व पौराणिक काल में राजन्य, क्षत्रिय आदि नाम से प्रसिद्ध सूर्य व चंद्रवंशी क्षत्रियों की संतान थे । यह न तो विदेशी है और न ही अनार्यों के वंशज थे
- डॉ. दशरथ शर्मा ने ( पुस्तक राजस्थान थ्रू द एजेज ) राजपूतों को सूर्यवंशी व चंद्रवंशी बताया है ।
- अग्निपुराण के अनुसार चंद्रवंशी कृष्ण व अर्जुन, सूर्यवंशी राम व लवकुश के वंशज ही राजपूत थे ।
- हर्षनाथ अभिलेख ( सीकर ) में चौहानों को सूर्यवंशी बताया है ।
- वंशावलियों में राठौड़ों को सूर्यवंशी, यादवों व भाटियों को चंद्रवंशी बताया है ।
- मिश्रित उत्पति का सिध्दांत - डॉ. डी पी. चटोपाध्याय के अनुसार राजपूत मिश्रित जातियों के संतान थे
राजपूतों की उत्पत्ति से संबंधित विभिन्न सिद्धान्त
- अग्निकुल सिद्धान्त
- सर्वप्रथम चंदबरदाई ( पृथ्वीराज रांसौ )
- मुहणौत नैणसी ( मारवाड़रां परगना री विगत )
- सूर्यमल्लमिश्रण ( वंश भास्कर )
- हम्मीर रासौ ( जोधराज )
- पद्मनाभ (नवसहंसाक चरित )
- विदेशी सिद्धान्त
- कर्नल टॉड शक व सीथियन
- बी. ए. स्मिथ हुण
- कनिंघम यू ची कुषाण
- कैनेडी ईरानी
- विलियम कुक शक, हुण, कुषाण
- डॉ. ईश्वरी प्रसाद विदेशी
- डी. आर. भंडारकर विदेशी ब्राह्मण
- स्मिथ प्राचीन आदिम जातियों (गौंड, खखार, भर के वंशज)
- ब्राह्मण सिद्धान्त
- डॉ. भंडारकर विदेशी ब्राह्मण - 1. मण्डोर, जोधपुर अभिलेख के आधार पर 2. बिजौलिया अभिलेख में बत्सगौत्रीय ब्राह्मण
- डॉ. गोपीनाथ शर्मा (नागर जाति के ब्राह्मण)
- डॉ. गौरीशंकर ओझा (कुंभा रसिक प्रिया)
- सूर्यवंशी/चंद्रवंशी सिध्दांत
- श्री जगदीश गहलोत (राजपूताने का इतिहास)
- डॉ. दशरथ शर्मा (राजस्थान थ्रू द एजेज)
- अग्नि पुराण के अनुसार
- हर्षनाथ अभिलेख सीकर
- हम्मीर महाकाव्य
- विभिन्न वंशावलियों में
विदेशी सिद्धान्त एक 'मिथ्या' ( झूठ )
राजपूत गोत्र एवं वंशावली सूची
“दस रवि से दस चन्द्र से, बारह ऋषिज प्रमाण,
चार हुतासन सों भये , कुल छत्तिस वंश प्रमाण
भौमवंश से धाकरे टांक नाग उनमान
चौहानी चौबीस बंटि कुल बासठ वंश प्रमाण.”
अर्थ:-
दस सूर्य वंशीय क्षत्रिय दस चन्द्र वंशीय,बारह ऋषि वंशी एवं चार अग्नि वंशीय कुल छत्तिस क्षत्रिय वंशों का प्रमाण है,बाद में भौमवंश नागवंश क्षत्रियों को सामने करने के बाद जब चौहान वंश चौबीस अलग अलग वंशों में जाने लगा तब क्षत्रियों के बासठ अंशों का पमाण मिलता है।
- सूर्य वंश की दस शाखायें:-
- कछवाह
- राठौड
- बडगूजर
- सिकरवार
- सिसोदिया
- गहलोत
- गौर
- गहलबार
- रेकबार
- जुनने
- चन्द्र वंश की दस शाखायें:-
- जादौन
- भाटी
- तोमर
- चन्देल
- छोंकर
- होंड
- पुण्डीर
- कटैरिया
- स्वांगवंश
- वैस
- अग्निवंश की चार शाखायें:-
- चौहान
- सोलंकी
- परिहार
- पमार
- ऋषिवंश की बारह शाखायें:-
- सेंगर
- दीक्षित
- दायमा
- गौतम
- अनवार (राजा जनक के वंशज)
- विसेन
- करछुल
- हय
- अबकू तबकू
- कठोक्स
- द्लेला
- बुन्देला
- चौहान वंश की चौबीस शाखायें:-
- हाडा
- खींची
- सोनीगारा
- पाविया
- पुरबिया
- संचौरा
- मेलवाल
- भदौरिया
- निर्वाण
- मलानी
- धुरा
- मडरेवा
- सनीखेची
- वारेछा
- पसेरिया
- बालेछा
- रूसिया
- चांदा
- निकूम
- भावर
- छछेरिया
- उजवानिया
- देवडा
- बनकर.
क्षत्रिय जातियो की सूची
क्रमांक | नाम | गोत्र | वंश | स्थान और जिला |
---|---|---|---|---|
१. | सूर्यवंशी | भारद्वाज | सूर्य | बुलन्दशहर आगरा मेरठ अलीगढ |
२. | गहलोत | कश्यप, बैजवापेड | सूर्य | मेवाड़ और पूर्वी जिले |
३. | सिसोदिया | बैजवापेड | गहलोत | महाराणा उदयपुर स्टेट |
४. | कछवाहा | गौतम,वशिष्ठ,मानव | सूर्य | महाराजा जयपुर |
५. | राठौड | गौतम,कश्यप,भारद्वाज,शान्डिल्य,अत्रि | गहरवार | महाराजा जोधपुर ,बीकानेर,किशनगढ़ और पूर्व और मालवा |
६. | सोमवंशी | अत्रय | चन्द्र | प्रतापगढ और जिला हरदोई |
७. | यदुवंशी | अत्रय | चन्द्र | राजकरौली राजपूताने में |
८. | भाटी | अत्रय | जादौन | महारजा जैसलमेर राजपूताना |
९. | जाडेचा | अत्रय | यदुवंशी | महाराजा कच्छ भुज |
१०. | जादवा | अत्रय | जादौन | शाखा अवा. कोटला ऊमरगढ आगरा |
११. | तोमर | अत्रय, व्याघ्र, गार्गेय | चन्द्र | पाटन के राव तंवरघार जिला ग्वालियर |
१२. | कटियार | व्याघ्र | तोंवर | धरमपुर का राज और हरदोई |
१३. | पालीवार | व्याघ्र | चन्द्र | गोरखपुर |
१४. | सत्पोखरिया | भारद्वाज | राठौड(चाँपावत) | मऊ जिला घोसी, इंदारा |
१५. | परिहार, वरगाही | कौशल्य, कश्यप | अग्नि | बांदा जिला, रीवा राज्य में बघेलखंड |
१६. | तखी | कौशल्य | परिहार | पंजाब कांगडा जालंधर जम्मू में |
१७. | पंवार | वशिष्ठ | अग्नि | मालवा मेवाड धौलपुर पूर्व मे बलिया |
१८. | सोलंकी | भारद्वाज | अग्नि | राजपूताना मालवा सोरों जिला एटा |
१९. | चौहान | वत्स | अग्नि | राजपूताना पूर्व और सर्वत्र |
२०. | हाडा | वत्स | चौहान | कोटा बूंदी और हाडौती देश |
२१. | खींची | वत्स | चौहान | खींचीवाडा मालवा ग्वालियर |
२२. | भदौरिया | वत्स | चौहान | नौगंवां पारना आगरा इटावा गालियर |
२३. | देवडा | वत्स | चौहान | राजपूताना सिरोही राज |
२४. | शम्भरी | वत्स | चौहान | नीमराणा रानी का रायपुर पंजाब |
२५. | बच्छगोत्री | वत्स | चौहान | प्रतापगढ सुल्तानपुर |
२६. | राजकुमार | वत्स | चौहान | दियरा कुडवार फ़तेहपुर जिला |
२७. | पवैया | वत्स | चौहान | ग्वालियर |
२८. | गौर,गौड | भारद्वाज | सूर्य | शिवगढ रायबरेली कानपुर लखनऊ |
२९. | वैस | भारद्वाज | सूर्य | आजमगढ उन्नाव रायबरेली मैनपुरी पूर्व में |
३०. | गहरवार | कश्यप, भारद्वाज | सूर्य | माडा, हरदोई, वनारस, उन्नाव, बांदा पूर्व |
३१. | सेंगर | गौतम | ब्रह्मक्षत्रिय | जगम्बनपुर भरेह इटावा जालौन |
३२. | कनपुरिया | भारद्वाज | ब्रह्मक्षत्रिय | पूर्व में राजाअवध के जिलों में हैं |
३३. | बिसेन | अत्रय,वत्स,भारद्वाज,पाराशर,शान्डिल्य | ब्रह्मक्षत्रिय | गोरखपुर गोंडा प्रतापगढ महराजगंज (निचलौल के उत्तर क्षेत्र के समीप) हैं |
३४. | निकुम्भ | वशिष्ठ,भारद्वाज | सूर्य | मऊ गोरखपुर आजमगढ हरदोई जौनपुर |
३५. | श्रीनेत | भारद्वाज | निकुम्भ | गाजीपुर बस्ती गोरखपुर |
३६. | कटहरिया | वशिष्ठ्याभारद्वाज, | सूर्य | बरेली बंदायूं मुरादाबाद शहाजहांपुर |
३७. | वाच्छिल | अत्रयवच्छिल | चन्द्र | मथुरा बुलन्दशहर शाहजहांपुर |
३८. | बढगूजर | वशिष्ठ | सूर्य | अनूपशहर एटा अलीगढ मैनपुरी मुरादाबाद हिसार गुडगांव जयपुर |
३९. | झाला | मरीच, कश्यप, मार्कण्डे | चन्द्र | धागधरा मेवाड झालावाड कोटा |
४०. | गौतम | गौतम | ब्रह्मक्षत्रिय | राजा अर्गल फ़तेहपुर |
४१. | रैकवार | भारद्वाज | सूर्य | बहरायच सीतापुर बाराबंकी |
४२. | करचुल हैहय | कृष्णात्रेय | चन्द्र | बलिया फ़ैजाबाद अवध |
४३. | चन्देल | चान्द्रायन | चन्द्रवंशी | गिद्धौर ,कानपुर, फ़र्रुखाबाद, बुन्देलखंड, पंजाब, गुजरात |
४४. | जनवार | कौशल्य | चन्द्रवंशी | बलरामपुर अवध के जिलों में |
४५. | बहेलिया | भारद्वाज, | वैस (उप जाति सिसोदिया )की गोद सिसोदिया | रायबरेली बाराबंकी |
४६. | दीत्तत | कश्यप | सूर्यवंश की शाखा | उन्नाव, बस्ती, प्रतापगढ, जौनपुर, रायबरेली ,बांदा |
४७. | सिलार | शौनिक | चन्द्र | सूरत राजपूतानी |
४८. | सिकरवार | भारद्वाज, सांक्रित्यन | बढगूजर | ग्वालियर, आगरा, गाजीपुर और उत्तरप्रदेश में |
४९. | सुरवार | गर्ग | सूर्य | कठियावाड में |
५०. | सुर्वैया | वशिष्ठ | यदुवंश | काठियावाड |
५१. | मोरी | ब्रह्मगौतम | सूर्य | मथुरा ,आगरा ,धौलपुर |
५२. | टांक (तत्तक) | शौनिक | नागवंश | मैनपुरी और पंजाब |
५३. | गुप्त | गार्ग्य | चन्द्र | अब इस वंश का पता नही है |
५४. | कौशिक | कौशिक | चन्द्र | बलिया, आजमगढ, गोरखपुर |
५५. | भृगुवंशी | भार्गव | ब्रह्मक्षत्रिय | वनारस, बलिया, आजमगढ, गोरखपुर |
५६. | गर्गवंशी | गर्ग | ब्रह्मक्षत्रिय | आजमगढ, नरसिंहपुर सुल्तानपुर,अवध,बस्ती,फैजाबाद |
५७. | पडियारिया, | देवल,सांकृतसाम | ब्रह्मक्षत्रिय | राजपूताना |
५८. | ननवग | कौशिक | चन्द्र | जौनपुर जिला |
५९. | वनाफ़र | पाराशर,कश्यप | चन्द्र | बुन्देलखन्ड बांदा वनारस |
६०. | जैसवार | कश्यप | यदुवंशी | मिर्जापुर एटा मैनपुरी |
६१. | चौलवंश | भारद्वाज | सूर्य | दक्षिण मद्रास तमिलनाडु कर्नाटक में |
६२. | निमवंशी | कश्यप | सूर्य | संयुक्त प्रांत |
६३. | वैनवंशी | वैन्य | सोमवंशी | मिर्जापुर |
६४. | दाहिमा | गार्गेय | ब्रह्मक्षत्रिय | काठियावाड राजपूताना |
६५. | पुण्डीर | कपिल, पुलस्त्य | ब्रह्मक्षत्रिय | पंजाब, गुजरात, रींवा, यू.पी. |
६६. | तुलवा | आत्रेय | चन्द्र | राजाविजयनगर |
६७. | कटोच | कश्यप | चन्द्र | राजानादौन कोटकांगडा |
६८. | चावडा,पंवार,चोहान,वर्तमान कुमावत | वशिष्ठ | पंवार की शाखा | मलवा रतलाम उज्जैन गुजरात मेवाड |
६९. | अहवन | वशिष्ठ | चावडा,कुमावत | खेरी हरदोई सीतापुर बारांबंकी |
७०. | डौडिया | वशिष्ठ | पंवार शाखा | बुलंदशहर मुरादाबाद बांदा मेवाड गल्वा पंजाब |
७१. | गोहिल | बैजबापेण | गहलोत शाखा | काठियावाड |
७२. | बुन्देला | कश्यप | गहरवारशाखा | बुन्देलखंड के रजवाडे |
७३. | काठी | कश्यप | गहरवारशाखा | काठियावाड झांसी बांदा |
७४. | जोहिया | पाराशर | चन्द्र | पंजाब देश मे |
७५. | गढावंशी | कांवायन | चन्द्र | गढावाडी के लिंगपट्टम में |
७६. | मौखरी | अत्रय | चन्द्र | प्राचीन राजवंश था |
७७. | लिच्छिवी | कश्यप | सूर्य | प्राचीन राजवंश था |
७८. | बाकाटक | विष्णुवर्धन | सूर्य | अब पता नहीं चलता है |
७९. | पाल | कश्यप | सूर्य | यह वंश सम्पूर्ण भारत में बिखर गया है |
८०. | सैन | अत्रय | ब्रह्मक्षत्रिय | यह वंश भी भारत में बिखर गया है |
८१. | कदम्ब | मान्डग्य | ब्रह्मक्षत्रिय | दक्षिण महाराष्ट्र मे हैं |
८२. | पोलच | भारद्वाज | ब्रह्मक्षत्रिय | दक्षिण में मराठा के पास में है |
८३. | बाणवंश | कश्यप | असुरवंश | श्री लंका और दक्षिण भारत में,कैन्या जावा में |
८४. | काकुतीय | भारद्वाज | चन्द्र,प्राचीन सूर्य था | अब पता नही मिलता है |
८५. | सुणग वंश | भारद्वाज | चन्द्र,पाचीन सूर्य था, | अब पता नही मिलता है |
८६. | दहिया | गौतम | ब्रह्मक्षत्रिय | मारवाड में जोधपुर |
८७. | जेठवा | कश्यप | हनुमानवंशी | राजधूमली काठियावाड |
८८. | मोहिल | वत्स | चौहान शाखा | महाराष्ट्र मे है |
८९. | बल्ला | भारद्वाज,कश्यप | सूर्य | काठियावाड मे मिलते हैं |
९०. | डाबी | वशिष्ठ | यदुवंश | राजस्थान |
९१. | खरवड | वशिष्ठ | यदुवंश | मेवाड उदयपुर |
९२. | सुकेत | भारद्वाज | गौड की शाखा | पंजाब में पहाडी राजा |
९३. | पांड्य | अत्रय | चन्द | अब इस वंश का पता नहीं |
९४. | पठानिया | पाराशर | वनाफ़रशाखा | पठानकोट राजा पंजाब |
९५. | बमटेला | शांडल्य | विसेन शाखा | हरदोई फ़र्रुखाबाद |
९६. | बारहगैया | वत्स | चौहान | गाजीपुर |
९७. | भैंसोलिया | वत्स | चौहान | भैंसोल गाग सुल्तानपुर |
९८. | चन्दोसिया | भारद्वाज | वैस | सुल्तानपुर |
९९. | चौपटखम्ब | कश्यप | ब्रह्मक्षत्रिय | जौनपुर |
१००. | धाकरे | भारद्वाज(भृगु) | ब्रह्मक्षत्रिय | आगरा मथुरा मैनपुरी इटावा हरदोई बुलन्दशहर |
१०१. | धन्वस्त | यमदाग्नि | ब्रह्मक्षत्रिय | जौनपुर आजमगढ वनारस |
१०२. | धेकाहा | कश्यप | पंवार की शाखा | भोजपुर शाहाबाद |
१०३. | दोबर(दोनवार) | वत्स या कश्यप | ब्रह्मक्षत्रिय | गाजीपुर बलिया आजमगढ गोरखपुर |
१०४. | हरद्वार | भार्गव | चन्द्र शाखा | आजमगढ |
१०५. | जायस | कश्यप | राठौड की शाखा | रायबरेली मथुरा |
१०६. | जरोलिया | व्याघ्रपद | चन्द्र | बुलन्दशहर |
१०७. | जसावत | मानव्य | कछवाह शाखा | मथुरा आगरा |
१०८. | जोतियाना(भुटियाना) | मानव्य | कश्यप,कछवाह शाखा | मुजफ़्फ़रनगर मेरठ |
१०९. | घोडेवाहा | मानव्य | कछवाह शाखा | लुधियाना होशियारपुर जालन्धर |
११०. | कछनिया | शान्डिल्य | ब्रह्मक्षत्रिय | अवध के जिलों में |
१११. | काकन | भृगु | ब्रह्मक्षत्रिय | गाजीपुर आजमगढ |
११२. | कासिब | कश्यप | कछवाह शाखा | शाहजहांपुर |
११३. | किनवार | कश्यप | सेंगर की शाखा | पूर्व बंगाल और बिहार में |
११४. | बरहिया | गौतम | सेंगर की शाखा | पूर्व बंगाल और बिहार |
११५. | लौतमिया | भारद्वाज | बढगूजर शाखा | बलिया गाजी पुर शाहाबाद |
११६. | मौनस | मौन | कछवाह शाखा | मिर्जापुर प्रयाग जौनपुर |
११७. | नगबक | मानव्य | कछवाह शाखा | जौनपुर आजमगढ मिर्जापुर |
११८. | पलवार | व्याघ्र | सोमवंशी शाखा | आजमगढ फ़ैजाबाद गोरखपुर |
११९. | रायजादे | पाराशर | चन्द्र की शाखा | पूर्व अवध में |
१२०. | सिंहेल | कश्यप | सूर्य | आजमगढ परगना मोहम्दाबाद |
१२१. | तरकड | कश्यप | दिक्खित शाखा | आगरा मथुरा |
१२२. | तिसहिया | कौशल्य | परिहार | इलाहाबाद परगना हंडिया |
१२३. | तिरोता | कश्यप | तंवर की शाखा | आरा शाहाबाद भोजपुर |
१२४. | उदमतिया | वत्स | ब्रह्मक्षत्रिय | आजमगढ गोरखपुर |
१२५. | भाले | वशिष्ठ | पंवार | अलीगढ |
१२६. | भालेसुल्तान | भारद्वाज | वैस की शाखा | रायबरेली लखनऊ उन्नाव |
१२७. | जैवार | व्याघ्र | तंवर की शाखा | दतिया झांसी बुन्देलखंड |
१२८. | सरगैयां | व्याघ्र | सोमवंश | हमीरपुर बुन्देलखण्ड |
१२९. | किसनातिल | अत्रय | तोमरशाखा | दतिया बुन्देलखंड |
१३०. | टडैया | भारद्वाज | सोलंकीशाखा | झांसी ललितपुर बुन्देलखंड |
१३१. | खागर | अत्रय | यदुवंश शाखा | जालौन हमीरपुर झांसी |
१३२. | पिपरिया | भारद्वाज | गौडों की शाखा | बुन्देलखंड |
१३३. | सिरसवार | अत्रय | चन्द्र शाखा | बुन्देलखंड |
१३४. | खींचर | वत्स | चौहान शाखा | फ़तेहपुर में असौंथड राज्य |
१३५. | खाती | कश्यप | दिक्खित शाखा | बुन्देलखंड,राजस्थान में कम संख्या होने के कारण इन्हे बढई गिना जाने लगा |
१३६. | आहडिया | बैजवापेण | गहलोत | आजमगढ |
१३७. | उदावत | गौतम | राठौड | पाली |
१३८. | उजैने | श्रवण | पंवार | आरा डुमरिया |
१३९. | अमेठिया | भारद्वाज | गौड | अमेठी लखनऊ सीतापुर |
१४०. | दुर्गवंशी | कश्यप | दिक्खित | राजा जौनपुर राजाबाजार |
१४१. | बिलखरिया | कश्यप | दिक्खित | प्रतापगढ उमरी राजा |
१४२. | डोगरा | कश्यप | सूर्य | कश्मीर राज्य और बलिया |
१४३. | निर्वाण | वत्स | चौहान | राजपूताना (राजस्थान) |
१४४. | जाटू | व्याघ्र | तोमर | राजस्थान,हिसार पंजाब |
१४५. | नरौनी | मानव्य | कछवाहा | बलिया आरा |
१४६. | भनवग | भारद्वाज | कनपुरिया | जौनपुर |
१४७. | गिदवरिया | वशिष्ठ | पंवार | बिहार मुंगेर भागलपुर |
१४८. | रक्षेल | कश्यप | सूर्य | रीवा राज्य में बघेलखंड |
१४९. | कटारिया | भारद्वाज | सोलंकी | झांसी मालवा बुन्देलखंड |
१५०. | रजवार | वत्स | चौहान | पूर्व मे बुन्देलखंड |
१५१. | द्वार | व्याघ्र | तोमर | जालौन झांसी हमीरपुर |
१५२. | इन्दौरिया | व्याघ्र | तोमर | आगरा मथुरा बुलन्दशहर |
१५३. | छोकर | अत्रय | यदुवंश | अलीगढ मथुरा बुलन्दशहर |
१५४. | जांगडा | वत्स | चौहान | बुलन्दशहर पूर्व में झांसी |
१५५. | शौनक | शौन | भ्रृगुवंशी | इलाहाबाद |
१५६. | बघेल | कश्यप या भारद्वाज | सोलंकी | रीवा राज्य में बघेलखंड |
१५७. | दिक्खित | कश्यप | सूर्य | बुन्देलखंड |
१५८. | बंधलगोती | भारद्वाज | ब्रह्मक्षत्रिय | अमेठी,सुल्तानपुर |
१५९. | कलहंस | अंगिरस | परिहार | प्रतापगढ,बहरायच,गोरखपुर,बस्ती |
१६०. | बेरुआर | भारद्वाज | तोमर | बलिया,आजमगढ,मऊ |
1 Comments
45 नंबर पर आपने गलत लिखा है बहरेलिया होता है बहेलिया नहीं
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